दिल की दासà¥à¤¤à¤¾à¤¨……. पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ दिल के अफसाने.
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अब कà¥à¤¯à¤¾ जवाब दू मै,कोई मà¥à¤à¥‡ बतादे,
वो मà¥à¤œà¤¸à¥‡ कह रहे है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मेरी आरजू की !
à¤à¤• बार दिल ने की थी तेरी आरजू की à¤à¥‚ल,
जालिम मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‹à¤‚ में गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° हो गया,..
तà¥à¤œà¥‡ मिले न थे , तो कोई आरजू न थी,
देखा तà¥à¤œà¥‡ तो तेरे तलबगार हो गये.
यह आरजू थी तà¥à¤œà¥‡ गà¥à¤² के रà¥-ब-रॠकरते,
हम और बà¥à¤² बà¥à¤² बेताब गà¥à¤«à¥à¤¤à¤—ू करते.
à¤à¤• आरजू थी अपनी जगह,मà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¿à¤² रही,
जब वो करीब आये तो हम दूर हो गये.
मजा जीने का आखिर दिल लगाने पर ही मिलाता है,
किसी पर ! देख लेना था ! फ़िदा होकर.
नज़र में ढल के उà¤à¤°à¤¤à¥‡ है,दिल के अफसाने,
यह और बात है, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ नजर न पहेचाने.
मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¤ हà¥à¤ˆ इक हादसे à¤- इशà¥à¤• को लेकिन,
अब तक याद है,तेरे दिल के धड़कने की सदा याद.